Album Name | Nastik |
Artist | C. Ramchandra |
Track Name | Patthar Ke Bhagwan |
Music | C. Ramchandra |
Label | Saregama |
Release Year | 1954 |
Duration | 03:33 |
Release Date | 1954-01-01 |
Patthar Ke Bhagwan Lyrics
तेरे होते हुए
आज मैं लुट रही
मेरे माथे पे लग रहा दाग
अरे पत्थर के भगवान तु है कहाँ?
तेरी दुनिया मैं लग जाए आग
तेरी दुनिया मैं लग जाए आग
तेरे होते हुए आज मैं लुट रही
लाज आती है मुझको ये कहते हुए
प्रभु अंधा न बन आँख रहते हुए
लाज आती है मुझको ये कहते हुए
प्रभु अंधा न बन आँख रहते हुए
मुझे डसने को आये हैं देख ज़रा
तेरी बस्ती के ज़हरीले नाग
अरे पत्थर के भगवान तु है कहाँ?
तेरी दुनिया मैं लग जाए आग
तेरे होते हुए आज मैं लुट रही
चंद चांदी के टुकडों के खातिर यहाँ
चंद चांदी के टुकडों के खातिर यहाँ
एक अबला के फूट रहे भाग
अरे पत्थर के भगवान तु है कहाँ?
तेरी दुनिया मैं लग जाए आग
तेरे होते हुए आज मैं लुट रही
किसी भाई की बिछडी हुई एक बहन
बता कब तक करे तेरे दुखडे़ सहन
किसी भाई की बिछडी हुई एक बहन
बता कब तक करे तेरे दुखडे़ सहन
आज ज़िंदा चिता पर हुँ मैं जल रही
जल रहे सब उम्मीदों के बाग
अरे पत्थर के भगवान तु है कहाँ?
तेरी दुनिया मैं लग जाए आग
तेरे होते हुए आज मैं लुट रही
मेरे माथे पे लग रहा दाग
अरे पत्थर के भगवान तु है कहाँ?
तेरी दुनिया मैं लग जाए आग
तेरे होते हुए आज मैं लुट रही