Album Name | Rafi – Homage To The Immortal Voice |
Artist | Various Artists |
Track Name | O Door Ke Musafir |
Music | Naushad |
Label | Saregama |
Release Year | 1947 |
Duration | 03:19 |
Release Date | 1947-12-31 |
O Door Ke Musafir Lyrics
चले आज तुम जहाँ से, हुई ज़िंदगी पराई
तुम्हें मिल गया ठिकाना, हमें मौत भी ना आई
ओ, दूर के मुसाफ़िर, हमको भी साथ ले-ले रे
हमको भी साथ ले-ले, हम रह गए अकेले
ओ, दूर के मुसाफ़िर, हमको भी साथ ले-ले रे
हमको भी साथ ले-ले, हम रह गए अकेले
तूने वो दे दिया ग़म, बे-मौत मर गए हम
दिल उठ गया जहाँ से, ले चल हमें यहाँ से
ले चल हमें यहाँ से
किस काम की ये दुनिया जो ज़िंदगी से खेले, रे
हमको भी साथ ले-ले, हम रह गए अकेले
सूनी है दिल की राहें, ख़ामोश हैं निगाहें
नाकाम हसरतों का उठने को है जनाज़ा
उठने को है जनाज़ा
चारों तरफ़ लगे हैं बर्बादीयों के मेले, रे
हमको भी साथ ले-ले, हम रह गए अकेले
ओ, दूर के मुसाफ़िर, हमको भी साथ ले-ले रे
हमको भी साथ ले-ले, हम रह गए अकेले