Album Name | Guru Dutt – The Unforgettable – Vol 2 |
Artist | Various Artists |
Track Name | Jinhen Naaz Hai Hind Par |
Music | S. D. Burman |
Label | Saregama |
Release Year | 1955 |
Duration | 06:04 |
Release Date | 1955-12-31 |
Jinhen Naaz Hai Hind Par Lyrics
ये कूचे, …घर दिलकशी के
ये कूचे, ये नीलामघर दिलकशी के
ये लुटते हुए कारवाँ ज़िंदगी के
कहाँ हैं? कहाँ हैं मुहाफ़िज़ खुदी के?
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
ये पुर-पेच गलियाँ, ये बदनाम बाज़ार
ये गुमनाम राही, ये सिक्कों की झंकार
ये इस्मत के सौदे, ये सौदों पे तकरार
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
ये सदियों से बे-ख़्वाब, सहमी सी गलियाँ
ये मसली हुई, अधखिली ज़र्द कलियाँ
ये बिकती हुई खोखली रंग-रलियाँ
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन
थकी-हारी साँसों पे तबले की धन-धन
वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन
थकी-हारी साँसों पे तबले की धन-धन
ये बे-रूह कमरों में खाँसी की ठन-ठन
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे
ये बेबाक नज़रें, ये गुस्ताख़ फ़िकरे
ये ढलके बदन और ये बीमार चेहरे
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
यहाँ पीर भी आ चुके हैं, जवाँ भी
तनोमंद बेटे भी, अब्बा मियाँ भी
ये बीवी भी है…
ये बीवी भी है और बहन भी है, माँ भी
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
मदद चाहती है ये हौवा की बेटी
यशोदा की हमजिंस, राधा की बेटी
मदद चाहती है ये हौवा की बेटी
यशोदा की हमजिंस, राधा की बेटी
पयम्बर की उम्मत, ज़ुलेख़ा की बेटी
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
ज़रा मुल्क़ के रहबरों को बुलाओ
ये कुचे, ये गलियाँ, ये मंज़र दिखाओ
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर उनको लाओ
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?