Album Name | Badal |
Artist | Shankar-Jaikishan |
Track Name | Do Din Ke Liye Mehman Yahan |
Music | Shankar-Jaikishan |
Label | Saregama |
Release Year | 1951 |
Duration | 03:14 |
Release Date | 1951-01-01 |
Do Din Ke Liye Mehman Yahan Lyrics
दो दिन के लिए मेहमान यहाँ
मालूम नहीं मंज़िल है कहाँ
अरमान भरा दिल तो है मगर
जो दिल से मिले वो दिल है कहाँ
एक फूल जला, एक फूल खिला
कुछ अपना लुटा, कुछ उनको मिला
एक फूल जला, एक फूल खिला
कुछ अपना लुटा, कुछ उनको मिला
कैसे करें क़िस्मत से गिला
हम कैसे करें क़िस्मत से गिला?
रंगीन हर एक महफ़िल है कहाँ?
दो दिन के लिए मेहमान यहाँ
मालूम नहीं मंज़िल है कहाँ
दुनिया में सवेरा होने लगा
दुनिया में सवेरा होने लगा
इस दिल में अँधेरा होने लगा
हर ज़ख़्म सिसक के रोने लगा
हर ज़ख़्म सिसक के रोने लगा
किस मुँह से कहें कातिल है कहाँ?
दो दिन के लिए मेहमान यहाँ
मालूम नहीं मंज़िल है कहाँ
जलता है जिगर, उठता है धुआँ
आँखों से मेरी आँसू हैं रवाँ
जलता है जिगर, उठता है धुआँ
आँखों से मेरी आँसू हैं रवाँ
मरने से हो जाए आसाँ
जो मरने से हो जाए आसाँ
ऐसी यह मेरी मुश्किल है कहाँ
दो दिन के लिए मेहमान यहाँ
मालूम नहीं मंज़िल है कहाँ
दो दिन के लिए…